नमस्कार दोस्तों और बताइए क्या हाल चाल? वैसे चाय आप पियेंगे? अरे चाय तो पीयेंगे लेकिन प्लीज़ उसमें अदरक जरूर से डालना तो? अदरक के स्वस्थ लाभ क्या हैं? अदरक की बात अगर हम करें तो चाय हो, चटनी हो या घर में बनने वाली सब्जियां सब में बिना अदरक के ना मज़ा ही नहीं आता है। लेकिन अदरक की खूबियाँ सिर्फ स्वाद तक ही सिमटी हुई नहीं है बल्कि इसके तो बहुत सारे हेल्थ में भी फायदे हैं। इसीलिए आज इस Blog में हम जानने वाले है कि चाय का स्वाद और खाने का जायका बढ़ाने वाली अदरक असल में है क्या? ये किस तरह हमारी अच्छी हेल्थ बनाए रखने में मदद करती है? क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं और अदरक से जुड़ी ऐसी ही बहुत सारी ज़ायकेदार जानकारियां लेने के लिए विडिओ को पूरा जरूर देखें? तो चलिए शुरू करते हैं ।
जिंजर का साइंटिफिक
सबसे पहले ये जानते हैं कि जिंजर का साइंटिफिक नेम होता है। ज़िन्दगी भर ये फ्लोरिंग प्लांट है जिसका ओरिजिन साउथ ईस्ट एशिया में हुआ लेकिन इसका यूज़ फूड में और मेडिसिनल पर्पस के लिए पूरी दुनिया करती है। इस प्लांट के रूट से हमें जिंजर मिलती है जिसका यूज़ हमें स्पाइस की तरह करते हैं।
जिंजर को बहुत तरह से यूज़ किया जाता है। यानी फ्रेश फॉर्म में ड्राइड या पाउडर फॉर्म में कई बार इसका यूज़ कॉस्मेटिक्स और प्रोसेस्ड फूड्स में भी किया जाता है। यूं तो जिंजर एक बहुत ही कॉमन स्पाइस से लेकिन यह बहुत ही फेमस है। हमारे घरों की रसोई में तो यह सदियों से इस्तेमाल हो रही है। इसका फ्लेवर और अरोमा इतना रिफ्रेशिंग है कि चाय और सब्जियों के अलावा सलाद, डेज़र्ट, स्मूदीज, पिकल और जूस इसमें भी यूज़ की जाती है।
इसमें विटामिन्स और मिनरल्स तो ज्यादा नहीं होते हैं, लेकिन एंटी ऑक्सिडेंट्स की इसमें कोई कमी नहीं होती। इतनी स्पेशल क्वालिटीज रखने वाली जिंजर के हेल्थ बेनिफिटस क्या क्या होते हैं, आइए जानते हैं जिंजर में पाया जाता है जिन रोल जिंजर का फ्लेवर और इसकी यूनीक फ्रैग्रन्स इसमें मौजूद नैचरल ऑइल से आती है और इन औल्स में सबसे इम्पोर्टेन्ट होता है। जिन रोल जिंजर की मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ इसी की वजह से होती हैं, जिन में पॉवरफुल और ऑक्सिडेंट इफेक्ट्स होते हैं, इन्फ्लेमेशन को रिड्यूस करने में भी यह मदद करता है।
जिंजर ब्रेड ब्रेड
नंबर दो पर है। जिंजर ब्रेड ब्रेड से छुटकारा दिला सकती है। जिंजर में पाया जाने वाला सलाइवा में एक को स्टिम्युलेट करता है और वह एन्ज़ाइम ओरल बैक्टीरिया को ग्रो नहीं होने देता, जिससे मुँह से बैट स्मेल दूर हो जाती है और फ्रेशनेस फील होती है।
डाइजेशन
नंबर तीन पर है। डाइजेशन को बेहतर बनाती हैं जिन पर प्रॉपर डाइजेशन गुड हेल्थ के लिए बहुत ही जरूरी होता है और इसके लिए जरूरी है कि वुड गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक में मूव कर सकें। इसमें जिंजर बहुत है। करती है क्योंकि जिंजर को अपनी डाइट में रखने पर खाना बहुत ही तेज़ी से इस ट्रैक में मूव करने लगता है। इससे बाउल मूवमेंट बूस्ट होता है और कॉन्स्टिपेशन और ब्लोटिंग की प्रॉब्लम्स रिड्यूस होने लगती है।
ट्रीट
नंबर चार पर है को ट्रीट कर सकती है जिंजर नौ शिया का मतलब होता है स्टमक में नीजी फील होना और इसकी वजह से वोमिट करने की इच्छा होना तो ऐसी कंडिशन के बहुत सारे रीजन्स हो सकते हैं, जिसे कैंसर ट्रीटमेंट के लिए होने वाली रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी और प्रेग्नेंसी के फर्स्ट थ्री मंथ्स में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस और भी कई सारे कारण तो इन सारी कंडिशन्स में होने वाले में जिंजर काफी रिलीफ दे सकती है।
ऑस्टिओऑर्थराइटिस पेन
नंबर पांच पर है ऑस्टिओऑर्थराइटिस पेन में राहत दिलाती है जिंजर यूं तो जिंजर क्विक पेन रिलीफ नहीं दे सकती लेकिन टाइम के साथ पेन और स्टीफनेस में जरूर से आराम दिला सकती है। जैसे कि ऑस्टिओऑर्थराइटिस में ये ऑस्टिओऑर्थराइटिस ऑर्थराइटिस का मोस्ट कॉमन टाइप है, जिसमे हाथों के घुटनों के हिप्स और स्पाइन के जॉइंट्स में स्टिफनेस आ जाती है। इसमें स्वेलिंग भी आ सकती है, जिसे रिड्यूस करने में जिंजर की एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ हेल्प करती है।
मैन्स्ट्रुअल पेन
नंबर छह पर हैं मैन्स्ट्रुअल पेन को रिड्यूस करती है जिंजर मेन्सट्रुअल पेन यानी पीरियड पेन को कम करने में जिंजर की हेल्प ली जा सकती है। के दौरान पोस्टल ग्लैंड इन होम लोन यूट्रस में मसल्स कॉन्ट्रैक्शन करता है, जिससे इन्फॉर्मेशन और पेन होता है। लेकिन अगर पीरियड्स में जिंजर टीया, जिंजर वोटर लिया जाए तो जिंजर की ऐंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ पीरियड क्रैम्प्स और पेन को दूर कर सकती है और इसकी मदद से पीरियड्स में भी चैन से रहा जा सकता है।
जिंजर ब्लड शुगर
नंबर सात पर है। जिंजर ब्लड शुगर लेवल को रेग्युलेट भी कर सकती है। जिंजर में पाया जाने वाला ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में हेल्पफुल होता है और जिंजर एक लोग ग्लाइसिमिक इंडेक्स फूड है। यानी ऐसा फूड जो ब्लड ग्लूकोस लेवल्स को बढ़ाता नहीं है। इसलिए जिंजर को डाइट में शामिल करके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना आसान हो सकता है।
हार्ट डिज़ीज़
नंबर आठ पर है। हार्ट डिज़ीज़ के रिस्क को भी कम कर सकती है। जिंजर हार्ट डिज़ीज़ बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है और इसका मेन रीज़न हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स है। खासकर एलडीएल यानी लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन, जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, क्योंकि इसके बढ़ने से हार्ट डिजीज का रिस्क भी इन्क्रीज़ हो जाता है। ऐसे में जिंजर हमारी हेल्प कर सकती है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल स्कोर रिड्यूस करती है।
कैन्सर रिस्क
नंबर नौ पर है कैन्सर रिस्क को भी कम कर सकती है। जिंजर हमारी बॉडी में सर फ्री रेडिकल्स बनते रहे, तो ये मल्टीप्लाई करके सेल्युलर डैमेज का रीज़न बन सकते हैं, जिसका रिज़ल्ट कैंसर भी हो सकता है। आपको बता दें कि फ्री रेडिकल्स बॉडी में नॉर्मल मेटाबॉलिज़म के बाइप्रोडक्ट होते हैं। ये ऐसे ऑक्सीजन कन्टेन इन मॉलिक्यूल्स होते हैं जिनमें अनइवन इलेक्ट्रॉनिक्स पाए जाते हैं। अनइवन होने की वजह से ये फ्री रेडिकल्स बहुत अनस्टेबल होते हैं और आसानी से दूसरे मॉलिक्यूल्स के साथ रिऐक्ट कर सकते हैं, जिससे कि सेल्स डैमेज हो सकती है।
ऐसे में ऐंटी ऑक्सिडेंट्स बॉडी की हेल्प करते हैं। ये ऐसे मॉलिक्यूल्स होते हैं जो बिना अनस्टेबल हुए अपना एक इलेक्ट्रॉन फ्री रेडिकल को डोनेट करके उसे स्टैबिलाइज़ कर सकते हैं ताकि वो ज्यादा रिऐक्टिव ना रहें और बॉडी के लिए हार्मफुल रिएक्शन्स ना कर पाए। कुछ पावरफुल एंटी ऑक्सीडेंट्स तो हमारी बॉडी सेल्स प्रोड्यूस करती है और कुछ ऐंटी ऑक्सिडेंट्स हमें फूड से मिलते हैं, जैसे जिंजर जैसे स्पाइसेस से। ऐसे में जिंजर में मौजूद ऐंटीऑक्सिडेंट इन फ्री रेडिकल्स को कंट्रोल कर सकते हैं यानी कैंसर का रिस्क भी कम कर सकते हैं।
ब्रेन फंक्शन
नंबर 10 पर है। ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव भी कर सकती है ये जिंजर जी हाँ, ऐल्टशाइमर्ज़ डिज़ीज़ के बारे में तो आप जानते ही है। इसमें ब्रेन स्ट्रोक होने लगता है और ब्रेन सेल्स डैड होने लगती है। ऐसे में सोचने, समझने और याद रखने की पुअर होने लगती है और इसके रीज़न, ऑक्सिडेटिव, स्ट्रेस और क्रॉनिक इंफ्लेमेशन हुआ करते हैं। ये दोनों ही ब्रेन फंक्शन पर बुरा असर डालते हैं। आपको बता दें कि ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस का मतलब होता है बॉडी। मैं फ्री रेडिकल्स और ऐन्टी ऑक्सीडेंट के बीच में इम्बैलेंस और क्रोनिक इन्फॉर्मेशन यानी लॉन्ग टर्म तक बने रहने वाली इन्फॉर्मेशन और ब्रेन फंक्शन को नेगेटिवली अफेक्ट करने वाले इन दोनों रीज़न सको यानी ऑक्सिडेटिव, स्ट्रेस और।